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अरे ! ऋतुराज आ गया !! / अज्ञेय
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04:07, 25 मई 2015
काँटे का किरीट धारे बने देवदूत
पीत वसन दमक रहे तिरस्कृत बबूल
अरे ! ऋतुराज आ गया !!
</poem>
Lalit Kumar
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