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किसी कम्युनिस्ट पार्टी का दफ़्तर / देवी प्रसाद मिश्र
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10:51, 12 जुलाई 2015
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कमरे में जो खिड़की
बायीं
बाईं
तरफ खुलती है उसके ऊपर लटकता चे ग्वेवारा का
पोस्टर हवा में हिलता रहता है फटता रहता है और आवाज़ करता रहता है
अनिल जनविजय
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