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टुक हिर्सो-हवा<ref>लालच</ref> को छोड़ मियां, मत देस-बिदेस विदेश फिरे मारामारा।क़ज़्ज़ाकक़ज़्ज़ाक़<ref>डाकू</ref> अजल<ref>मौत</ref> का लूटे है , दिन-रात बजाकर नक़्क़ारानक़्क़ारा।क्या बधिया, भैंसा, बैल, शुतुरशुतर<ref>ऊंट</ref> क्या गौनें गोनंे पल्ला सर भाराभारा।क्या गेहूं, चावल, मोठमोंठ, मटर, क्या आग, धुआं धुंआ और अंगाराअंगारा।:सब ठाठ पड़ा रह जावेगा , जब लाद चलेगा बंजाराबंजारा॥1॥
तू बधिया लादे बैल भरे , जो पूरब पच्छिम जावेगापश्चिम जावेगा।या सूद बढ़ाकर लावेगा , या टोटा घाटा पावेगापावेगा।क़ज़्ज़ाक़ क़ज़्ज़ाक अजल का रस्ते में जब भाला मार गिरावेगागिरावेगा।धन-, दौलत , नाती-पोता क्या इक , एक कुनबा काम न आवेगाआवेगा।:सब ठाठ पड़ा रह जावेगा , जब लाद चलेगा बंजाराबंजारा॥3॥
हर आन नफ़ा और टोटे में, क्यों मरता फिरता है बन-बन।टुक ग़ाफ़िल दिल में सोच ज़रा, है साथ लगा तेरे दुश्मन।क्या लौंडी बांदी, दाईदिदा<ref>बूढ़ी नौकरानी</ref>, क्या बंदा चेला नेक-चलन।क्या, मन्दिर, मस्जिद, ताल-कुआं, क्या खेती बाड़ी बाग़ चमन॥सब ठाठ पड़ा रह जावेगा, जब लाद चलेगा बंजारा॥12॥ जब मर्ग फिराकर <ref>मौत</ref> फिरा कर चाबुक को ये , यह बैल बदन का हांकेगाहाँकेगा।कोई ताज नाज समेटेगा तेरा , कोई गौन सिए सिये और टांकेगाटाँकेगा॥हो ढेर अकेला जंगल में , तू ख़ाक लहद <ref>क़ब्र</ref> की फांकेगाफाँकेगा।उस जंगल में फिर आह 'नज़ीर' इक तिनका ‘नज़ीर’ एक भुनगा आन न झांकेगाझाँकेगा।:सब ठाठ पड़ा रह जावेगा , जब लाद चलेगा बंजाराबंजारा॥13॥
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