गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
कनुप्रिया - तुम मेरे कौन हो / धर्मवीर भारती
No change in size
,
11:24, 8 अप्रैल 2008
छितवन की छाँह में खड़े हो कर <br>
ममता से मैंने अपने वक्ष में <br>
उस छौने का
ठण्ढा
ठण्डा
माथा दुबका कर<br>
अपने आँचल से उसके घने घुँघराले बाल पोंछ दिये <br>
तो मेरे उस सहज उद्गार पर <br>
Anonymous user
Ramadwivedi