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भक्त वही भगवान भजे धन दौलत पाय न राम भुलावे |
दान करे सनमान करे नर संतान संतन को निज शीश झुकावे ||
मन्दिर बाग़ तड़ाग बनाकर जीवन को जग माही बितावे||
ऐ प्रिय तू मति मोय कहे कछु कृष्ण बिना नहीं चैन लाखवे ||