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गायों को नहीं पता / कुमार सौरभ

No change in size, 15:15, 13 अप्रैल 2017
गायें पहचानती हैं, तो उन खूँटों को जिनसे
वे सदियों से बंधी हुई हैं
इस चिर गुलामी से विद्रोह की का तो
वे सोचती भी नहीं होंगी
वे अधिक से अधिक अच्छे व्यवहार का सोचती होंगी
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