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व्यक्तिगत एवं साहित्यिक परिचय
मूल नाम : सतीशचन्द्र कृपाशंकर शुक्ला
उपनाम : रक़ीब लखनवी
पत्नी एवं पुत्री : अनुराधा - सागरिका
संपर्क : बी - 204, एक्सेल हाऊस, 13 वां रास्ता, जुहू स्कीम, जुहू, मुंबई - 400049.
sckshukla@rediffmail.com / sckshukla@gmail.com
“मोहब्बत हो अगर पैदा” : आज का आनंद द्वारा अक्टूबर 2001 पूना (महाराष्ट्र)
'खाक़ में मिल गए' आज का आनंद द्वारा नवम्बर 2001 पूना (महाराष्ट्र)
'वतन की हिफाज़त' दोपहर का सामना, अगस्त 2011, मुंबई (महाराष्ट्र)
'शहीदे वतन का नहीं कोई सानी' हमारा महानगर , अगस्त 2011, मुंबई (महाराष्ट्र)
'गंगो-जमन की ख़ुशबू है ' अर्बाबे-क़लम : 11 / 34 अप्रैल - जून 2012 देवास, म.प्र.
'परेशाँ है मेरा दिल मेरी आँखें भी हैं नम कुछ कुछ':पृष्ठ-11:द उर्दू टाइम्स:23 जून 2013:मुंबई (महाराष्ट्र)
"पछताएगा, मज़लूम पे ज़ालिम न जफा कर / क़ुदरत की तो लाठी की सदा तक नहीं आती " : मुख्य पृष्ठ बॉक्स : 26 जून 2013 : डेली उर्दू एक्शन (उर्दू में) : भोपाल (म.प्र.)
"गले मिली कभी उर्दू जहाँ पे हिंदी से/मेरे मिजाज़ में उस अंजुमन की खुशबू है" : मुख्य पृष्ठ बॉक्स : 26 जुलाई 2013 : डेली उर्दू एक्शन (उर्दू में) : भोपाल (म.प्र.) "क्यों ज़ुबां पर मेरी आ गई हैं प्रिये"/"होठों पे कभी जिनके दुआ तक नहीं आती" : उजाला-2013 दीपावली विशेषाँक:धमतरी(छ.ग.):पृष्ठ-123
“'अश्के ग़म से अपना दामन तर-बतर होने के बाद” अर्बाबे-क़लम : 17/30 : अक्टूबर - दिसम्बर 2013 : देवास, म.प्र.
"लाखों अरमान थे काग़ज़ पे निकाले कितने" : ग़ज़ल के बहाने - पुष्प-13 :पृष्ठ-123 : जवाहर नगर, दिल्ली – 7
“हवा के दोश पे किस गुलबदन की ख़ुशबू है”: रिसाला-ए-इंसानियत : वर्ष – 6 : अंक – 21 : पृष्ठ – 15 : अप्रैल-जून 2014 :भोपाल म.प्र.
"मैं हूँ तेरी यादें हैं सागर का किनारा है" / "छा जाए घटा जब ज़ुल्फ़ों की" : गीत : मुंबई मित्र ( वृत्त मित्र ) : दैनिक पत्र : मुंबई (महाराष्ट्र) : सोमवार 05 मई 2014
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“बताऊँ क्यों अजीब हूँ" / "चुप कहाँ रहना, कहाँ पर बोलना है" : मुंबई मित्र ( वृत्त मित्र ) : दैनिक पत्र : मुंबई (महाराष्ट्र) 11 जुलाई 2014
“बात हक़ की हो तो क्यों चन्द मकाँ तक पहुँचे':" : “अभिनव इमरोज़" : वर्ष-3 : अंक-6 : पृष्ठ-77 : जून 2014 :नई दिल्ली
"अंजान हैं इक दूजे से पहचान करेंगे" : अदबी दहलीज़ : 2/2/23 अक्टूबर-दिसम्बर 2014 : सरायमीर, आज़मगढ़ उ.प्र.
“ये हक़ीक़त या ख़्वाब है कोई" / "चुप कहाँ रहना, कहाँ पर बोलना है" : गीत गागर: :अंक-8 : पृष्ठ- 35 :अक्टूबर-दिसम्बर 2014 : पत्र-पृष्ठ - 09 : भोपाल म.प्र.
"अंजान हैं इक दूजे से पहचान करेंगे" / प्रेरणा-अंशु / वर्ष - 27 : अंक – 8 : पृष्ठ - 23 : दिसंबर 2014 : दिनेशपुर, उत्तराखंड.
“सुब्ह नौ के है तू रोशनी भी सनम" / "आँसुओं से अपना दामन तर-बतर होने के बाद" / " बताऊँ क्यों अजीब हूँ" : अभिनव इमरोज़: वर्ष - 4 :अंक - 1 : जनवरी 2015 : पृष्ठ- 25 : नई दिल्ली-70
"प्रेरणा-अंशु" : वर्ष - 27 : अंक - 9 : पृष्ठ- 5 : जनवरी 2015 : पत्र प्रकाशित : दिनेशपुर, उत्तराखंड.
"आप से तुम, तुम से तू , कहने लगे" :"अदबनामा":वर्ष-1:अंक-3:पृष्ठ-59:पत्र प्रकाशित:पृष्ठ-61:जनवरी-मार्च 2015 : नरोभास्कर, जालौन उ.प्र.
“रूह कहते हैं जिसको क्या है वो” : अर्बाबे-क़लम : 22/20 : जनवरी-मार्च 2015 : देवास, म.प्र.
“कुछ को तो शबो-रोज़ कमाने की पड़ी है":रिसाला-ए-इंसानियत:वर्ष-7:अंक-24: पृष्ठ - 70 :जनवरी-मार्च 2015 :भोपाल म.प्र.
"हवा के दोश पे किस गुलबदन की ख़ुशबू है" -84 वर्षों से अनवरत प्रकाशित उर्दू का अन्तर्राष्ट्रीय रिसाला -"शायर" मुंबई (उर्दू) पेज 47 वॉल्यूम 59(86) इशू अप्रैल 2015 - मुंबई (महाराष्ट्र)
'क्यों जुबां पर मेरी आ गयी हैं प्रिये' : "प्राची प्रतिभा" : वर्ष - 5 : अंक - 60 : पृष्ठ - 34 : अप्रैल 2015 : लखनऊ उ.प्र.
"ये हक़ीक़त या ख़्वाब है कोई" : "विधि पताका" : पृष्ठ - 11 : 12 जून 2015 : कानपुर, उ.प्र.
"काश! इक बार मिल सकूँ उससे" "संयोग साहित्य" वर्ष - 18 : अंक - 4 : पृष्ठ - 73 : और ब्रजेश पाठक 'मौन' सम्मान समारोह की रिपोर्ट में काव्य पाठ में सहभागिता दर्ज़ : पृष्ठ - 94 : अक्टूबर - दिसम्बर 2015 : भायंदर (पूर्व) , मुंबई (महाराष्ट्र)
"जिसको देखो 'रक़ीब' पढ़ता है / जैसे चेहरा किताब है कोई" / शैल-सूत्र / उपशीर्षक / उड़ते परिन्दे - विनय 'सागर' / वर्ष - 8 : अंक - 2 : पृष्ठ - 52 : अप्रैल - जून 2015 : बिन्दुखत्ता, लालकुआँ, नैनीताल (उत्तराखंड).
“कुछ को तो शबो-रोज़ कमाने की पड़ी है" / "ये हक़ीक़त या ख़्वाब है कोई" : "सरमाया हिंद" :: वर्ष- 1 : अंक - 6 : पृष्ठ - 19 : जून – 2015 : साहिबाबाद , गाज़ियाबाद, उ.प्र.
"अंजान हैं, इक दूजे से पहचान करेंगे" / "बात हक़ की हो तो क्यों चन्द मकाँ तक पहुँचे" / "क्यों जुबां पर मेरी आ गयी हैं प्रिये" / "रूह कहते हैं जिसको क्या है वो" / "यह हक़ीक़त कि ख़्वाब है कोई" / उफ ! मिटा पाए न जिसकी याद अपने दिल से हम" / "हवा के दोश पे किस गुलबदन की ख़ुशबू है" / "आज माहौल दुनिया का खूँरेज़ है" / " होटों पे कभी जिनके दुआ तक नहीं आती" / "दिलों में फिर वो पहली सी, मोहब्बत हो अगर पैदा" / "है आदि काल से मानव का आचरण मित्रो" / "लाखों अरमान थे काग़ज़ पे निकाले कितने" : "अदबनामा" : वर्ष - 2 : पूर्णांक - 5 : ग़ज़लिस्तां (एक ही शाइर की अनेक ग़ज़लें) : और परिचय : पृष्ठ - 63 से 66 (चार पूर्ण पृष्ठ ) : जुलाई-सितम्बर 2015 : नरोभास्कर, जालौन उ.प्र.
"पत्रांश शीर्षक के तहत पत्र प्रकाशित" : अभिनव इमरोज़ : वर्ष - 4 :अंक - 9 : सितम्बर 2015 : पृष्ठ - 86 : नई दिल्ली – 70
"फिर से शहनाइयाँ, शामियाने में हैं" / वह सताता है दूर जा जा कर / "संयोग साहित्य" वर्ष - 18 : अंक - 4 : पृष्ठ - 73 : अक्टूबर - दिसम्बर 2015 : भायंदर (पूर्व) , मुंबई (महाराष्ट्र)
"हर एक लफ़्ज़ पे वो जाँ निसार करता है" : ”अदबी दहलीज़” : वर्ष - 3 : अंक - 2 : पृष्ठ - 32 : अक्टूबर - दिसम्बर 2015 : सरायमीर, आज़मगढ़ (उ.प्र.)
"सवेरे के सूरज की पहली किरन तू / दिया है मुझे तू ने अपना उजाला / तेरे हुस्न पर शे'र कहता रहूँगा / तेरा हुस्न है हर हसीं से निराला" : "बहरे क़त्आत" : हिंदी साप्ताहिक "स्वर्ण जयंती प्रतिबिम्ब" : वर्ष -17 : अंक - 29 : पृष्ठ - 5 : 15 नवम्बर 2015 : फरीदाबाद (हरियाणा)
"ज़ह्नो-दिल में हर इक के उतर जाइए" / "क्यों जुबां पर मेरी आ गयी हैं प्रिये : "दृष्टिकोण" सोपान : 18-19 पृष्ठ -
"आज माहौल दुनिया का खूँरेज़ है"/ : अर्बाबे-क़लम : अंक-26 : पृष्ठ - 20 : वर्ष - 2016 : देवास, म.प्र.
"बदले मौसम बदलें हम" :"प्राची प्रतिभा": वर्ष - 7 :अंक - 73 : पृष्ठ - 20 : मई 2016 : लखनऊ उ.प्र.
"हवा के दोश पे किस गुलबदन की ख़ुशबू है " / "आज माहौल दुनिया का खूँरेज़ है" : रिसाला-ए-इंसानियत : अदबनामा ( क़लमकार ) शीर्षक के तहत पूर्ण पृष्ठ : वर्ष – 8 : अंक - 29 : पृष्ठ - 36 : अप्रैल, मई , जून 2016 : भोपाल म.प्र.
"बदले मौसम बदलें हम" :"माहनामा बे-बाक (उर्दू) : वॉल्यूम - 10 : नम्बर -117 : पृष्ठ - 44 : जून 2016 : मालेगाँव, नासिक - 243203 महाराष्ट्र
"वह सताता है दूर जा जा कर" :"प्राची प्रतिभा": वर्ष-7 :अंक-74 : पृष्ठ-35 : जून 2016 : लखनऊ उ.प्र.
"बदले मौसम बदलें हम" :"माहनामा जहाँ नुमा (उर्दू) : वॉल्यूम - 7 : इशू -2 : पृष्ठ - 8 : जुलाई 2016 : गंगोह, सहारनपुर (उ.प्र.)
"उसी के वास्ते रब ने बनाई हैं जन्नत / जो काम नेक़ काम यहाँ बेशुमार करता है" / ऊँची-उड़ान / प्रेरणा-अंशु / वर्ष - 29 : अंक - 4 : पृष्ठ - 21 : जून 2016 : दिनेशपुर, उत्तराखंड.
“बिजलियों सी चमक है तेरी" / "बताऊँ क्यों अजीब हूँ" / "बदले मौसम बदलें हम" / "काश ! इक बार मिल सकूँ उससे" : अभिनव इमरोज़ : वर्ष-5 : अंक-7 : जुलाई 2016 : पृष्ठ-57 : नई दिल्ली – 70.
"डॉ कुमार प्रजापति विशेषांक" में "सोच की तीलियाँ" प्राप्त होने पर लिखा गया व्यक्तिगत पत्र प्रकाशित : रिसाला-ए-इंसानियत : वर्ष – 8 : अंक - 30 : पृष्ठ - 46 : जुलाई - सितंबर 2016 : भोपाल म.प्र. "बदले मौसम, बदलें हम" : "अदबनामा" : वर्ष - 3 : अंक - 1 : पूर्णांक - 9 : पृष्ठ - 71 : जुलाई-सितम्बर 2016 : नरोभास्कर, जालौन उ.प्र.
"आँखों ने कह दिया जो कभी कह न पाए लब" / प्रेरणा-अंशु / वर्ष - 29 : अंक - 5 : पृष्ठ - 25 : पत्र प्रकाशित : पृष्ठ - 05 : जुलाई 2016 : दिनेशपुर, उत्तराखंड.
"चुप कहाँ रहना, कहाँ पर बोलना है" : "साहित्य कलश" : वर्ष - 3 : अंक - 10 : पृष्ठ - 06 : पत्र प्रकाशित : पृष्ठ - 48 : जुलाई-सितंबर 2016 : पटियाला (पंजाब)
"है आदि काल से मानव का आचरण मित्रो" : सार्थक - 2016 : संपादक - मधुकर गौड़ : वर्ष - 30 : पृष्ठ - 22 : अक्तूबर- नवम्बर 2016 : कांदिवली (प), मुंबई - 400067 .
"पहले तो बिगड़े समाँ पर बोलना है" : ”अदबी दहलीज़” : पृष्ठ - 13 : जुलाई - सितंबर 2016 : सरायमीर, आज़मगढ़ (उ.प्र.)
"बदले मौसम, बदलें हम" / "संयोग साहित्य" वर्ष - 19 : अंक - ३-4 : पृष्ठ - 104 : जुलाई-दिसम्बर 2016 : भायंदर (पूर्व) , मुंबई (महाराष्ट्र)
"हसरते बोसाए रुख़सार, नहीं थी कि जो है" :"माहनामा जहाँ नुमा (उर्दू) : वॉल्यूम - 12 : इशू -2 : पृष्ठ - 14 : दिसंबर 2016 : गंगोह, सहारनपुर (उ.प्र.)
"उफ़ ! मिटा पाए न उसकी याद अपने दिल से हम" : रिसाला-ए-इंसानियत : वर्ष – 8 : अंक - 31 : पृष्ठ - 50 : अक्टूबर-दिसंबर 2016 : भोपाल (म.प्र.)
"अनल में प्रीत की जलने दिया कब" :"नई लेखनी":अंक-11:पृष्ठ-21:जुलाई-दिसम्बर 2016 : बरेली (उ.प्र.)
“परेशाँ है मेरा दिल मेरी आँखें भी हैं नम कुछ कुछ” : "आलमी अनवार-ए-तख़लीक़" : उर्दू में : वॉल्यूम - 01 : इशू - 01 : पृष्ठ - 69 : जनवरी 2017 : हिन्दपीरी, रांची (झारखण्ड)
"रूह कहते हैं जिसको क्या है वो" : "माहनामा जहाँ नुमा (उर्दू) : वॉल्यूम - 3 : इशू -1 : पृष्ठ - 18 : जनवरी 2017 : गंगोह, सहारनपुर (उ.प्र.)
"हवा के दोश पे किस गुलबदन की ख़ुशबू है" : माहनामा बे-बाक (उर्दू) : वॉल्यूम - 11 : नम्बर -125 : पृष्ठ - 36 : फ़रवरी 2017 : मालेगाँव, नासिक - 243203 महाराष्ट्र
"ये हक़ीक़त के ख़्वाब है कोई" : "माहनामा जहाँ नुमा (उर्दू) : वॉल्यूम - 3 : इशू -3 : पृष्ठ - 14 : मार्च 2017 : गंगोह, सहारनपुर (उ.प्र.)
"बताऊँ क्यों अजीब हूँ" : "लारैब" (उर्दू) :वॉल्यूम - 29: नंबर-3 : पृष्ठ - 41: मार्च 2017: लखनऊ (उ.प्र.)
"तज़करा है तिरा मिसालों में":अभिनव इमरोज़ :वर्ष-6 :अंक-3 : मार्च 2017: पृष्ठ-11 : नई दिल्ली – 70
"चुप कहाँ रहना, कहाँ पर बोलना है" : "साहित्य कलश" : वर्ष - 3 : अंक - 12 : पृष्ठ - 04 : जनवरी -मार्च 2017 : पटियाला (पंजाब)
"समीक्षा - थिरक उठी है ग़ज़ल" : शायर - वी. सी. राय 'नया' / : अर्बाबे-क़लम : अंक-30 : पृष्ठ - 38 : जनवरी - मार्च 2017 : देवास, म.प्र.
"ज़हनो दिल में हर इक के उतर जाइये" / "गुज़री है रात कैसे सब से कहेंगी आँखें": समकालीन स्पंदन : वर्ष - 01 : अंक - 02 : 37 : जनवरी - मार्च 2017 : वाराणसी उ. प्र.
"बदले मौसम, बदलें हम" : "माहनामा जहाँ नुमा (उर्दू) : वॉल्यूम - 7 : इशू -2 : पृष्ठ - 8 : अप्रैल 2017 : गंगोह, सहारनपुर (उ.प्र.)
"ये हक़ीक़त कि ख़्वाब है कोई" : माहनामा बे-बाक (उर्दू) : वॉल्यूम - 11 : नम्बर -127 : पृष्ठ - 47 : अप्रैल 2017 : मालेगाँव, नासिक - 243203 महाराष्ट्र
आकाशवाणी-प्रसार भारती मुंबई के सम्वाहिका चैनल से रचनाओं/काव्यपाठ का प्रसारण-नवम्बर 2012
पुरस्कार, सम्मान एवं सहभागिता
मुंबई, देहली, भोपाल, पुणे, लखनऊ एवं कानपुर में 300 से अधिक मुशायरों, नाशिस्तों, कवि सम्मेलनों और काव्य गोष्ठियों में शिरकत
मुंबई की सामजिक एवं साहित्यिक संस्था आशीर्वाद द्वारा विशेष सम्मान मई 2008
ख़्वाहिश फाउंडेशन (रजि.) कानपुर द्वारा आयोजित "महफ़िल-ए-सुख़न" में शाल एवं स्मृति चिन्ह द्वारा विशेष सम्मान, आयोजक - श्री महेश मिश्रा एवं श्रीमती अलका मिश्रा - 24 मई 2015.
निर्माता / निर्देशक म ना नरहरी जी द्वारा निर्मित 40 रचनाकारों के सामूहिक वीडियो एलबम "दस्तावेज़" में सहभागिता : लोकार्पण दिनांक 03.03.2013 - मुंबई (महाराष्ट्र)
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