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घर के बडो की सीख पर चढ़ती है त्योरियाँ,<br>
बाहर निकल के और को तेवर दिखाइए|<br><br>
 
एस दौर में भी घर बसने की ख्वाहिशें,<br>
साहील पे जाके रेत के कुछ घर बनाइये| <br><br>
रंगीं है शाम, रात है, निकलेगा चांद भी,<br>