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Kavita Kosh से
जिसकी रेतीली सराहना रोशनीहीन थी.
जो जुबानें उसके कंद समान मांस माँस को
अपनी एन्द्रिक तन्द्रा में
चख पाने का रिवाज़ खोज रही थीं.
अपना अस्तित्व त्याग रही होंगी
तो लोग उसके चारों तरफ मादक नृत्य कर रहे होंगे.
और जौ की शराब व्यंजनों के साथ परोसी जायेगी.