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मैलै कुचैले लत्तर से स्वयं को ढ़कने का
अनावश्यक प्रयास करते असक्त बूढ़े को देखकर
 
कोई स्पंदन नहीं ......
एकदम शांत !!
 
कोने में पड़े पुआल के ढ़ेर में
किसी मड़ियल-सी कुतिया ने जने तो थे छः सात बच्चे
किंतु दो ही स्तनपान को बचे हैं अब
 
...सहमी-सी लेटी है
तब भी जब सियार ने
उसके सामने ही झपट लिए थे दो
 
व्याकुल हुई थी
रोई चिल्लाई भी थी
उपवास में चली गई थी दो एक दिन
 
किंतु ..... अब शांत बैठी है
उष्मारहित हो चुकी राख से ऊबकर उठेगा वो
तो ही वह जा सकती है वहाँ .... बच्चों समेत
 
ट्रेन का इंतजार अभी और करना है
खैर मुझे फर्क नहीं पड़ता)
हाँ कल की मीटिंग की थोड़ी चिंता है
 
दिसम्बर के आसपास
किंतु ये वाला मेरा पसंदीदा है
यहाँ कोई भद्रजन कभी नहीं बैठता
 
कंगला .... कुतिया और ... कभी-कभी मैं
मेरे पास हैं कपड़े जूते
मोबाइल और पावरबैंक भी
 
रम की छोटी बोतल से दो घूंट गटक
यहां जारी रहती है बहस .... हमेशा .....इन दिनों
 
प्रधानमंत्री के दावों
और ऊबकाई से थका-थका-सा मैं
हरा कैसे होऊँ?
 
अचानक से पास करती है थ्रू गाड़ी .........रपारप
धूल और हवा के अनियंत्रित बवंडर हिलोरती
छुक-छुक और क्रां-क्रां का नाद करती
 
इस धड़धड़ाहट में
क्यों समझ नहीं पाया मैं
किकियाती कुतिया की आवाज ?
 
रात का सन्नाटा
सिर्फ आराम के लिए नहीं होता
शिकारी के लिए स्निग्ध आमंत्रण भी तो है
 
झाड़ियों की सुगबुगाहट
स्क्रीन पर जारी है
महान बहस भ्रष्टाचार को लेकर
 
मैं कंगला और कुतिया
अपने बच्चे में "तुम सुरक्षित हो मेरे रहते"
का भ्रम पैदा करती माँ को देख रहा हूँ मैं
 
भ्रष्टाचार का मतलब सिर्फ़
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