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11:35, 10 जुलाई 2018 {{KKGlobal}}
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|रचनाकार=पंकज चौधरी
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|संग्रह=
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<poem>
सत्ताधारी पार्टी के अध्यक्ष ने
“दलितों के घर भोजन किया”
विपक्षी पार्टी के अध्यक्ष ने
“दलितों के घर जल-पान किया”
एक और विपक्षी पार्टी के अध्यक्ष ने
“दलितों के घर खटिया पर रात बिताई”
इक्कीसवीं शताब्दी में भी
भारत के दलितों के साथ
इससे बड़ा इमोशनल अत्याचार
और क्या हो सकता है!
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