भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
''' सावन –गीत <br>''' {{KKGlobal}}{{KKLokRachna|रचनाकार=अज्ञात}}{{KKLokGeetBhaashaSoochi|भाषा=खड़ी बोली}}
नन्हीं-नन्हीं बुँदियाँ रे<br>
सावण का मेरा झूलणा<br>
एक सुख देखा मैंने अम्मा के राज में <br>
हाथों में गुड़िया रे ,सखियों का मेरा खेलणा<br>
नन्हीं-नन्हीं बुँदियाँ रे…<br>
एक सुख देखा मैंने ,भाभी के राज में <br>
गोद में भतीजा रे गळियों का मेरा घूमणा<br>
नन्हीं-नन्हीं बुँदियाँ रे…<br>
एक दु:ख दुख देखा मैंने जिठाणी के राज में <br>
धड़ी- धड़ी आट्टा रे चूल्हे का मेरा फूँकणा<br>