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07:51, 27 जुलाई 2018 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=[[लक्ष्मीनारायण रंगा]]
|अनुवादक=
|संग्रह=आंख ई समझै / लक्ष्मीनारायण रंगा
}}
{{KKCatHaiku}}
{{KKCatRajasthaniRachna}}
<poem>
पंतग चावै
पंछी दाई उडणो,
डोर ई रोकै
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मिनख मन
हंसै सगळा सांमै
रोवै अेकलो
{{KKBR}}
हर मन है
कविता‘र कहाणी
छू अर देख
</poem>
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