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|रचनाकार=मास्टर नेकीराम
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<poem>
'''देशभक्ति रचना'''

'''सतावन की हुई लड़ाई, जा दुश्मन पै करी चढ़ाई,'''
'''पल म्हं उनको धूल़ चटाई, जय हो हिन्दुस्तान की, ।। टेक ।।'''

जन्में थे राव देव गोपाल, चमका भारत माँ का भाल
लेकै ढ़ाल अगाड़ी अडग़े, दुश्मन के सब नक्शे झडग़े,
हाथ जोड़ पाह्या म्हं पडग़े, जय हो ऐसी सन्तान की।।

हुए योद्धा तुला राम, लड़े थे स्वतन्त्रता संग्राम,
करदी नींद हराम दुश्मन की, पूर्ण इच्छा होग्यी मनकी,
यह कहानी सत्तावन की, जय हो योद्धा बलवान की।।

खूब लड़े वे हेमू थे रजपूत, ताडग़े दुश्मन की करतूत,
हुए ऐसे पूत हिन्द के वीर, माँ की बदल द्यी तकदीर,
रण म्हं कूद पड़े रणधीर, जय हो पुरूष महान की।।

नेकी राम वीरों की गाथा गावै, भारत माँ को शीष झुकावै,
हम खुशी मनावै सारे, लगाओ आजादी के नारे,
जो चले गए म्हारे राजदुलारे, जय हो उनके बलिदान की।।
</poem>
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