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10:05, 10 अक्टूबर 2018 {{KKGlobal}}
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|रचनाकार=आईदान सिंह भाटी
|संग्रह=
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avita}}
<poem>
मनुष्य जीवन के लिए
तूने निछावर की
अपनी जड़ें
हम सड़ रहे पड़े-पड़े
जीवन के लिए
यह कैसा रोग
ओ मेरे फोग!
'''अनुवाद : सवाईसिंह शेखावत'''
फोग - एक पौधा
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