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/* कुछ प्रतिनिधि ग़ज़लें */
* [[ख़िरद को ख़्वाब दिखाओ के कायनात चले / रवि सिन्हा]]
* [[अब लकीरों की तसव्वुर से ठना करती है / रवि सिन्हा]]
* [[हम हक़ीक़त ही रहे आप मगर ख़्वाब हुए / रवि सिन्हा]]
* [[आज़माया है समन्दर ने यहाँ आने तक / रवि सिन्हा]]