गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
जाने न कोई / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
No change in size
,
21:14, 4 मई 2019
आँसू बावरे।'''
104
'''
घिरा आग में
व्याकुल हिरना -सा
खोजूँ तुमको।
'''
105
चारों तरफ
तेरा वो सम्मोहन
कसे बन्धन।
'''
110
तन माटी का
मन का क्या उपाय
तरसे नैन
अरसा हुआ देखे
छिना है चैन।
'''
-0-
<poem>
वीरबाला
4,938
edits