1,163 bytes added,
14:51, 9 जुलाई 2019 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=सुनीता शानू
|अनुवादक=
|संग्रह=
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
प्यार के है
हजार पल
एक पल उधार दे दे
जी सकें जिसमें तनिक, इक
छोटा सा संसार दे दे।
बाँट दे चाहे सभी को
मुस्कुराहटों के खजाने
लेकिन जमाने से छुपा कर
थोड़ा सा उपहार दे दे।
प्रेम के मोती पिरों कर
रख सकूं कहीं छिपाकर
देख तुझको मेरी कसम है
वो मोतियों का हार दे दे।
लोग
कहते हैं मसीहा
सारे जग को
देने वाले
ज्यादा नही पर थोड़ा सा ही
मुझको तेरा प्यार दे दे
जी सकें जिसमें तनिक, इक-
छोटा सा संसार दे दे।
</poem>