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एक बात / अली सरदार जाफ़री
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10:16, 16 जुलाई 2019
वह जवाँ होके अगर शोलः-ए-जव्वाला बनी
वह जवाँ होके अगर आतिशे-सद-साला<ref>सौ वर्ष वाली अग्नि</ref> बनी
ख़ुद ही सोचो कि सितमगारों
<ref>अत्याचारी</ref>
पे क्या गुज़रेगी
</poem>
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अनिल जनविजय
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