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बाल कविताएँ / भाग 15 / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
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13:48, 3 मई 2020
आँखें नीली सुन्दर बाल
परियों -जैसी इसकी
चाला
चाल
बढ़िया जूते-कपड़े पहने
अनगिन फूल खिलाए तुमने।
तरह-
रतह
तरह
की बोली वाले
पंछी भी चहकाए तुमने ।
वीरबाला
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