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सिर्फ़ इन्सान / नोमान शौक़

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|रचनाकार=नोमान शौक़
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फैल रहा है<br />
विषाक्त रक्त<br />
विश्वास के साथ<br />
हां हाँ !<br />
अपनी क्षीण होती<br />
प्रतिरोधक क्षमता के कारण<br />
कवि, लेखक और बुध्दिजीवी<br />
अपने ठंडे होते ख़ून की दुहाई देने के लिए<br />
छोड़ जाएंगे दो-एक कविताएंकविताएँ,<br />कुछ लेख और चंद ऊंचे ऊँचे विचार<br />
छटपटाते हुए। <br />
बिल्कुल विलुप्त नहीं होंगे धरती से<br />
अनाकोंडा, भेड़िये और घड़ियाल<br />
हरे हर-भरे रहेंगे कैक्टस और बबूल<br />
जीवित रहेंगे जार्ज बुश<br />
आतंकवाद और तालिबान।<br />
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