भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

भीख / नोमान शौक़

80 bytes added, 18:37, 14 सितम्बर 2008
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=नोमान शौक़
}}
 
किसी मन्दिर की घन्टी से<br />
डरा सहमा हुआ भगवान<br />
सलीबें भी सभी ख़ाली मिलेंगी<br />
हर तरफ़ गिरजा घरों गिरजाघरों में<br />
क्योंकि सब मासूम, भोले लोग<br />
गली के मोड़ पर सूली से लटके<br />
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,616
edits