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रात भर बरसी मोहब्बत / अंकिता कुलश्रेष्ठ
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12:43, 3 अगस्त 2020
<poem>
चार दिन महबूब से नाराज़गी के बाद
रात भर बरसी
मोहब्बत
मुहब्बत
, तिश्नगी के बाद।
सर्द मौसम, सब्ज़ लम्हे, गुनगुना सा इश्क़
Abhishek Amber
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