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06:37, 17 अगस्त 2020 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार= सुरेन्द्र डी सोनी
|अनुवादक=
|संग्रह=मैं एक हरिण और तुम इंसान / सुरेन्द्र डी सोनी
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
कविता
रेखाचित्र
निबन्ध
कहानी
संस्मरण
जाने किस-किस जैसा
होगा आपका घर...
दीवारों को
सराहने वाले
सब आकर चले जाएँ
तो हमें बुलाना !
</poem>
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