954 bytes added,
05:17, 24 अगस्त 2020 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=विक्रम शर्मा
|अनुवादक=
|संग्रह=
}}
{{KKCatGhazal}}
<poem>
हमने बड़ी तलाश की, हमको खुशी नही मिली
जी हाँ खुशी में आपकी, हमको खुशी नही मिली
हमसे यही सवाल है, कहिये कि क्या नही मिला
हमको हरेक शय मिली, हमको खुशी नही मिली
ये भी कहा गया हमे सबकी खुशी इसी में है
कैसी फरेब बात थी, हमको खुशी नही मिली
उसने हमे कहा कि तुम मेरे बगैर खुश रहो
क्या ये खुशी की बात थी हमको खुशी नही मिली
</poem>