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मधुराष्टकं / मृदुल कीर्ति

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गोपा मधुरा गावो मधुरा, यष्टिर्मधुरा सृष्टिर्मधुरा ।
दलितं मधुरं फ़लितं फलितं मधुरं, मधुराधिपते रखिलं मधुरं ॥८॥
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