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[[Category:हाइकु]]
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78बदली रीतपुत्र दे रहा आजपिता को सीख।79तम सघनहौसला रख मनआयेगी भोर।80तम में दीपकाली चादर परतरल सोना।81गहरी हुईंरिश्तों की सिलवटेंकैसे ये हटें ?82मानव कृत्यप्रकृति के विरुद्धपा रहा दण्ड ।83है विश्वग्रामवायरस घूमतायहाँ से वहाँ ।84मानव कैदकोरोना उपद्रवीघूमें आजाद।85कोरोना रोगअंतिम क्रिया परहै प्रोटोकॉल ।86सूनी सड़केंकैसी ये हलचलमानव कैद।87कुहू कहतीचहुँओर उदासीकैसी है साथी।88'''एकाकीपन'''
उद्वेलित रहता
सागर मन
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