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Kavita Kosh से
अँधेरो! जब गगन में सूर्य चमकेगा तो क्या होगा
तुम्हें दरपण दर्पण दिखाने को ये दीपक बाल रक्खा है
तुम्हारी नर्मियाँ मौजूद हैं आँगन के फूलों में