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Kavita Kosh से
<poem>
संग मेरे हँसोगे ये उम्मीद है।
साथ गम ग़म में भी दोगे ये उम्मीद है।
दिन ढला रात ले आयी तन्हाईयाँ
तुम भी फूलो फलोगे ये उम्मीद है।
तुम सम्हल कर चलोगे ये उम्मीद है।