भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
<Poem>
खुली आँखों वाली
नाज़ुक नाज़नीनें,
जब सवारी करती हैं,
छितराते हैं उनके हथियार धीमे से,
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,616
edits