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सदस्य वार्ता:Lalit Kumar

411 bytes added, 09:29, 18 अप्रैल 2008
जैसा आप मुनासनिब समझें कीजिए। सिर्फ़ चंद्रबिंदु सुधारना तो अधूरा ही ईलाज है। [[सदस्य वार्ता:Sumitkumar kataria|वार्ता]] --[[सदस्य:Sumitkumar kataria|Sumitkumar kataria]] ०९:२९, १८ अप्रैल २००८ (UTC)
 
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हाँ, आपकी बात ठीक है। अगर साँचा मिटा देंगे तो, वो जिस भी पन्ने पर था उस पर उसकी जगह एक लाल लिंक आ जाएगा। दूसरी तरकीब ये है कि, मान लीजिए साँचा एक छोटा सा चांद का चित्र था, ऐडिट पे जाकर हम उस चित्र के नाम को हटा के, उसकी जगह पर कोई भी एक हिडन कमैंट डाल देंगे, इस तरह कोई लाल लिंक भी नहीं बनेगा और सारी कविताओं पर चांद का निशान भी हट जाएगा। क्योंकि साँचे का मतलब है, ऐसा पन्ना जो दूसरे पन्ने पर चेप दिया गया है। उस साँचे के वजूद का तभी पता चलेगा, जब कोई ठीक की हुई कविता के ऐडिट पर जाएगा। मिसाल के लिए इस पन्ने को लीजिए— [[फालतू]]। इसका लिंक नीला दिखाई दे रहा है, याने कि ये पन्ना अस्तित्व में है, पर खाली है, इसके ऐडिट पर जाएँगे तो आपको एक हिडन कमैंट के सिवा कुछ नहीं मिलेगा।
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