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सलीका / बबली गुज्जर

3 bytes removed, 05:39, 4 जून 2022
कसकर गले लगे बालक को, उसकी माँ से
आहिस्ता-आहिस्ता ही किया जाता है अलग
 
भूख से अधीर नए- नए जन्में बछडे के मुख से
हौले- हौले से ही छुड़ाया जाता है, गाय का थन
 
मेरे दोस्त!
 
क्या तुम इतनी भी दुनियादारी नहीं जानते
कि बिछड़कर जाने का भी तो,
....कोई सलीका होता है!
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