भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

मीरां / अर्जुन देव चारण

54 bytes added, 07:00, 9 जुलाई 2022
यह कैसा स्वभाव
कुदरत के कण-कण में
घुल गई प्रीत। '''अनुवाद : नीरज दइया'''</Poem>
Delete, Mover, Reupload, Uploader
5,492
edits