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प्रेयसी हो तुम! / कविता भट्ट
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22:50, 4 फ़रवरी 2023
चमेली के सुगंधित पुष्पहार में
जो मुझे मंत्रमुग्ध कर देती हैं।
तुम्हारी श्वासों के स्वर
-
ताल पर
नृत्य करती हुई प्रतीत होती हैं
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वीरबाला
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