भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

मौन की भाषा / कल्पना मिश्रा

746 bytes added, 13:14, 27 फ़रवरी 2023
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=कल्पना मिश्रा |अनुवादक= |संग्रह= }} {...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=कल्पना मिश्रा
|अनुवादक=
|संग्रह=
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
कुछ तो अनकहा रहने दो
कुछ तो हो जो सिर्फ तेरे मेरे दरमियाँ हो
कुछ तो छुपा रहने दो
कुछ तो दबा रहने दो
कभी तो खामोशियों को पढ़ने का अवसर दो
कभी तो आँखो की भाषा पढ़ना भी सीखो
अब बोलने का जी नहीं करता,
चलो मन की बातों को समझना सीखें ।।
</poem>