भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=प्रताप नारायण सिंह
|अनुवादक=
|संग्रह=नवगीत/ प्रताप नारायण सिंह
}}
{{KKCatNavgeet}}
<poem>
नील गगन में चढ़ती जातीं
पंख तितलियों सी फहराती
अपने संग समस्त,
उड़ानें इसकी रहीं अनंत!
</poem>