भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
तुम हो संजीवनी
शब्द- ऋचा से।
-0-70उजली भोरबिखर गई रुईचारों ही और। (काम्बोज )71तू मेरा हीराशब्दब्रह्माणि मेरीसंजीवनी तू!!
</poem>