Changes

ये भीड़ जो अजनबी-सी टहलती रहती है महफिलों में
ज़रा पूछे परवाने से के राख हुई शम्मा भला कैसे पिघल रही है
 
किनारे की दूरी को तरसता रहता है मांझी अक्सर
Delete, Mover, Reupload, Uploader
17,122
edits