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कुछ चीज़ अहम से बड़ी जन्म लेती है
नर पर जब भी भीषण विपत्ति आती है
वह उसे और दुर्धुर्ष दुर्धर्ष बना जाती है
चोटें खाकर बिफरो, कुछ अधिक तनो रे