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Kavita Kosh से
हर दिन रूठा यार मनाना सबके बस की बात नहीं।
जादू है उसकी उन की बातों में वरना ख़ुदा कसम मुझसे, अपनी बातें यूँ मनवाना सबके बस की बात नहीं।
कुछ बातें, कुछ यादें, कुछ पागल लम्हे ही हैं वरना,
जीवन भर मुझको तड़पाना सबके बस की बात नहीं।
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