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मेंढकजी गायक बन बैठे
इसीलिए है मन में ऐंठे,
लगा फुलाँचे हिसी हिरनी जैसी
सबके मन को भाए बादल।
'''-0-14-5-81 ,अमर उजाला 6-9-81'''
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