Changes

<poem>
तज़करा तज़ किरा है तेरा मिसालों में
तू है बेशक परी जमालों में
नींद क्योंकर ख़फ़ा है आँखों सेहै ख़फ़ा मेरी
अब तो आती है बस ख़यालों में
हर कोई जाएगा यहाँ से 'रक़ीब'
हम भी हैं याँ से जाने वालों में
 
</poem>
481
edits