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17 अप्रैल {{KKGlobal}}
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|चित्र=
|नाम=कंसतनतीन केदरफ़
|उपनाम=Константин Александрович Кедров
|जन्म=12 नवम्बर 1942
|जन्मस्थान=रीबिंस्क, यारअस्लाव्ल प्रदेश,रूस
|मृत्यु=16 अप्रैल 2025
|कृतियाँ=काव्यात्मक अन्तरिक्ष (१९८९), प्रेम का कम्प्यूटर (१९९०), इनकार की पुष्टि (१९९१), सत्यापित करें (१९९२), रूपकों का रूपक (१९९९), समानान्तर दुनिया (२००१), अन्दर से बाहर (२००१), सर्वनाश के परे (२००२), चुप्पी का निर्देशक (२००९) आदि तीस से ज़्यादा कविता-संग्रह
|विविध=बीसवीं सदी के अन्तिम तीन दशकों और इक्कीसवीं सदी के प्रारम्भिक ढाई दशकों के एक प्रमुख रूसी दार्शनिक और प्रसिद्ध कवि, जिन्होंने ’मेटा-मेटाफ़ोर’ (रूपकों का रूपक) नामक एक नई दार्शनिक अवधारणा प्रस्तुत की, जिसके अनुसार -- मेटा-मेटाफोर वह रूपक है, जहाँ हर चीज़ अपने आप में एक ब्रह्माण्ड है। इससे पहले ऐसा कोई रूपक नहीं था। पहले, हर व्यक्ति इस तरह की तुलनाएँ करता था कि कवि सूर्य के समान है, या नदी के समान है, या ट्राम के समान है। मेरी अवधारणा में एक व्यक्ति ही वह सब कुछ है जिसके बारे में वह लिखता है। यहाँ पृथ्वी से अलग कोई वृक्ष नहीं है, आकाश से अलग कोई पृथ्वी नहीं है, अन्तरिक्ष से अलग कोई आकाश नहीं है, मनुष्य से अलग कोई अन्तरिक्ष नहीं है। यह ब्रह्माण्ड-मनुष्य की दार्शनिक अवधारणा है।
|जीवनी=[[कंसतनतीन केदरफ़ / परिचय]]
|अंग्रेज़ीनाम=Konstantin Kedrov
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}}
====कुछ प्रतिनिधि रचनाएँ====
* [[छद्म सारस / कंसतानतिन केदरफ़ / अनिल जनविजय]]