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साहित्य / एरिष फ़्रीड

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<Poem>
लफ़्ज लफ़्ज़ कुरेदना
जिनकी बाद कोई
आगे फिर कभी
और फिर भी जीते रहना
लगभग पहले सा
कुआ क्या यह हिम्मत हैया क्या वे झूठे झूठ थे?
लफ़्ज लफ़्ज़ कुरेदना
जिन पर कोई
जान दे बैठे
कुछ भी नहीं सिवाय जीने और मरने के
कुछ भी नहीं सिवाय लफ़्जों लफ़्ज़ों के
कुछ भी नहीं सिवाय लिखते रहने के
कुछ भी नहीं सिवाय बढ़ते रहने के?
'''मूल जर्मन भाषा से अनुवाद : उज्ज्वल भट्टाचार्य
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