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Kavita Kosh से
मैंने सपना देखा देखा, कल परसों ही छूट रहे हो चंदू
चंदू, मैंने सपना देखा, खूब पतंगे पतंगें लूट रहे हो
चंदू, मैंने सपना देखा, लाए हो तुम नया कैलंडर
चंदू, मैंने सपना देखा, तुम हो बाहर मैं हूँ बाहरअंदर
चंदू, मैंने सपना देखा, अमुआ से पटना आए हो
चंदू, मैंने सपना देखा, पुलिस-यान में बैठे हो तुम
चंदू, मैंने सपना देखा, तुम हो बाहर, मैं हूँ बाहर अंदर
चंदू, मैंने सपना देखा, लाए हो तुम नया कैलेंडर
1976
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