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Kavita Kosh से
अरि की सेना पर घहर गया ।<br><br>
भाला गिर गया गिरा निसंगनिशंग<br>
बैरी समाज रह गया दंग <br>
घोड़े का देख ऐसा देख रंग<br><br>
''इस रचना को कविता कोश के लिये अनुनाद सिंह ने भेजा।<br><br>''
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