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{{KKGlobal}}{{KKRachna [[Category: |रचनाकार=द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी]] }}
इतने ऊँचे उठो कि जितना उठा गगन है।<br>
देखो इस सारी दुनिया को एक दृष्टि से<br>