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* [[मुरझा के काली झील में गिरते हुए भी देख \ शकेब जलाली]]
* [[फिर सुन रहा हूँ गुज़रे ज़माने की चाप को / शकेब जलाली]]
* [[पास रह के भी बोहत दूर हैं दोस्त / शकेब जलाली]]
* [[खामोशी बोल उठे, हर नज़र पैगाम हो जाये / शकेब जलाली]]
* [[गले मिला न कभी चाँद बख्त ऐसा था / शकेब जलाली]]
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