भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

बशीर बद्र

6 bytes removed, 05:12, 18 मार्च 2008
* [[वो ग़ज़ल वालों का उस्लूब समझते होंगे / बशीर बद्र]]
* [[वो महकती पलकों की ओट / बशीर बद्र]]
* [[वो थका सब कुछ खाक हुआ मेरी बाहों में है लेकिन / बशीर बद्र]]
* [[याद किसी की चाँदनी बन कर / बशीर बद्र]]
* [[ये चाँदनी भी जिन को छूते हुए डरती है / बशीर बद्र]]
Anonymous user