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Kavita Kosh से
और रख दिया
दीये की जगह
::आले में
अम्मा ने
अम्मा का चेहरा
चेहरे में गलता हुआ
::वक्त
वक्त के ढूह पर
एकमात्र मोटर से उतरनेवाला
हर चेहरा
::पैग़ाम लगता है
शहर में खोये हुए बेटे का
और जिसकी सूनी आँखों में